आपका स्वागत हे दोस्तों आप के प्यारे ब्लॉग onlinehindi99. com मे दोस्तों आज हम लाये हे Vidhwa Baheno Ke Liye Dard Bhari Shayari जो आप की आंखे नम कर जाये गी| दोस्तों हमारे समाज मे जब कोई ऑरत बिधवा होती हे तो उस ऑरत को बहोत ही जिल्लत भरी जिंदगी का सामना करना पड़ता हे समाज मे उसे हर कदम छूत अछूत की नजर से देखा जाता हे सोचो जिस ऑरत पर क्या गुजरती होगी जिसने अपने पति को गवाया उस पर बहोत सारी जिम्मेदारी आगई ओर उपर से समाज भी उस ऑरत को बहोत हेरान करता हे|
दोस्तों हमने लिखी Vidhwa Baheno Ke Liye Dard Bhari Shayari मे आप को सोच ने मे मजबूर कर दे गा के सच मे हमारा समाज कितना पिछड़ा हुवा समाज हे| विधवा बहेलो को तो हमे बहोत पवित्र नजर से देखना होगा विधवा बहेलो को समाज मे भी आगे रखने के प्रयत्न करने होगे
Vidhwa Baheno Ke Liye Shayari 2025

विधवा के सुहाग चिह्न छिनने पर
समाज से थी तुम्हें आपत्ति भारी
सुहागिन बन तुम उन चिन्हों को
त्याग रही हो खुद ही नारी।
मेरी बेरंग सी जिंदगी मे रंग भरने वाला वो रंगरेज जाते जाते मुझे सफेद रंग दे गया।
जीसकी चुड़ीयां कभी खनकती थी,
वो चुड़ीयां आज तुट गई;
जीसकी मांग सिंदूर से चमक ती थी,
वो मांग आज सुन्नी हो गई;
समाज की यह केसी रीत है “विएम”
एक रंगीन जींदगी,
पलभर में रंगहीन हो गई;
जबरन श्वेत वस्त्र पहनाकर ,
केशों का गजरा उधेड़ दिया
माथें का सिंदुर मिटा दिया
काया का शृंगार हटा दिया
रूप का शीशा तोड़ दिया
जीवन नीरस-सूखा-बंजर बनाकर
दुःख के मातम में छोड़ कर ,
व्यथा के सागर में डूबो कर वो चला गया
एक सुहागन तब मन से “विधवा”,
बन जातीं है,
जब राते उसके हिस्से की,
गैरो के साथ बिताई जाती है…..
ये ही विधवा एकदिन थी कीसी राजा की रानी,
अब ये सफेदी ने तो उसे जैसे अछुत बना दीया.
आज फिर उस शहीद की #विधवा # रोइ होगी,😰
जब उसके दर चूड़ी बेचने वाली आई होगी।
Vidhwa Baheno Ke Liye Dard Bhari Shayari

ये चूड़ी ये कंगन अब भाते है नही मुझको,
जब से इस देश के लिए खोया है तुझको।
ना चैन है ना सुकून है ना नींद आती है,
अब बस तुम्हारी याद में सारी रात जाती है।
वो सजने संवरने के ख़ाब सताते नही मुझको…।
जब से इस देश के लिए खोया है तुझको।
वो मेरे जन्मदिन पर बाहर खाने पर जाना,
वो दिवाली पर बेग भरकर पटाखे, मिठाई लाना।
वो करवाचौथ पर तुम्हारा घर जल्दी आ जाना,
खुदके बारे में न सोच बस हमे सबकुछ दिलाना।
क्यों तुम अपने पास बुलाते नही मुझको…
जबसे इस देश के लिए खोया है तुझको।
ये चूड़ी ये कंगन…
तुमसे किये वादे को भी याद करना है।
बैखोफ जीना है किसी से नही डरना है।
अपने बच्चों को शिक्षित और होशियार करना है।
अपने घर से फिर एक जवान को तैयार करना है।
खता मुझसे हुयी थी क्या, क्या अपराध था मेरा,
तोड़कर प्यार का बन्धन लिया परलोक में डेरा।
सजायी थी मेंरी माँगें जो तुमने प्यार से उस दिन,
धुलाकर चल दिए हो तुम तो अब सिन्दूर वो मेंरा।
तुम्हारे बिन जहाँ में अब मेंरा रह कौन जाएगा,
मैं जाऊँगी जिधर अपना न कोई नज़र आएगा।
तुम्हारे बिन ए बोझिल ज़िन्दगी कैसे मैं काटूँगी,
सभी के मुख से अब विधवा का मेंरा नाम आएगा।।
तो दोस्तों हम को विस्वास हे के आप को Vidhwa Baheno Ke Liye Dard Bhari Shayari आप को पसंद आए होगी
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